Roti banane ka tarika | Pitra Dosh के भागी तो नही बन रहे?

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जानेंगे naram Roti banane ka tarika या soft chapati दोनो ki vidhi का अर्थ सेम है। हाथों की रोटियों का स्वाद वास्तव में अलग-अलग होता है। जैसे कोई व्यक्ति नरम रोटी बनाता है, तो किसी दूसरे के हाथ की रोटियां थोड़ी मोटी बनाता हैं।

cookingjosh.com में आप का स्वागत है Roti banane के बाद मुलायम रहे और लंबे समय के बाद भी नरम बनी रहें, तो निम्नलिखित टिप्स आपकी मदद करने में सहायक होगी

भारत में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला सहायक व्यंजन Roti ही है जिसे banane के बाद हरी सब्जियों व दाल के साथ गरमा गरम परोसा जाता है।

Roti banane ka tarika | Roti banane ki vidhi

चपाती या naram Roti banane ka tarika आप पर निर्भर होता है रोटी बनाने के लम्बे अनुभव के साथ यह स्किल आप सीख जाते हैं। हम आप से उसी रोटी बनाने की विधि के अनुभव को साझा करेंगे

सामग्री Roti banane के लिए

  • 200 ग्राम आटा (Wheat flour)
  • 1,1/2 कप के आस पास पानी (Water)

Roti कितने प्रकार की होती है और किन नामों से जानी जाती है?

यह तीन नामों से जानी जाती है :- 1 – रोटी (Roti), 2 – चपाती (Chapati), 3 – फुल्की (Fulki)

एक साधारण रोटी लगभग 100 कैलोरी की होती है

फुल्की (बहोत पतली रोटी) लगभग 80 कैलोरी की होती है

रोटी चार प्रकार की बनाई जाती है :- 1 – तवा रोटी (Tawa Roti), 2 – रुमाली रोटी (Rumali Roti), 3 – तंदूरी रोटी (Tanduri Roti), 4 -मिस्सी रोटी (Missi Roti)

Roti kaise banate hain । Roti kaise banti hai

Naram Roti banane ki के लिए आटे को छलनी से छानना भी आवश्यक होता है क्योंकि दरदरे आटे से रोटियां मुलायम नहीं बनती हैं। हालांकि, छने गेहूं से कुछ चोकर निकल जाता है। यह फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इस आटे से बनी रोटियां मोटी बेलनी पड़ती हैं

  • Chapati या Fulki पतली मुलायम Roti banane के लिए छन्नी से आटे को छान लें
  • Chapati बनाने के लिए आटा और पानी की सही मात्रा पर विशेष ध्यान दें। यदि आप एक कप आटा लेते हैं, तो आधा कप पानी डालकर उसे अच्छी तरह से गूंदें।
  • आटा गूंथने के लिए इसे परात में रखें। आटे के बीच में एक गहरा गड्ढा बना लें। इस पर पानी डालें और आटे के किनारे को बीच में रखते जाएं। फिर इसे अच्छी तरह से मिला लें। जरूरत के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा करके पानी के छीटे डालते जाएं और मसलते(गूथते) रहें।
  • ध्यान रहे पानी को उतना ही डालें जितने में मुलायम गुथ जाए। अगर गलती से आटा गीला हो जाए तो सिर्फ एक ही उपाय है कि उसमें थोड़ा आटा और मिला कर मसल लें।
  • मसलते वक्त अपने हांथो का आटा भी छुड़ाते रहें और अगर परात पर भी आटा चिपका हुआ हो तो गुथे आटे से रगड़ कर आटे में शामिल कर लें 
  • गूंदा हुआ आटा इतना मुलायम होना चाहिए कि उंगली से दबाने पर थोड़ा आसानी से दब जाए।
  • आटे को ज्यादा गूथेंगे पर रोटी उतनी ही मुलायम बनेंगी अगर आप ज्यादा गूथने या मसलने में असमर्थ हैं हो आटा गूथने के बाद गीले कपड़े से ढक कर 30 मिनट रख दें

Roti banane ka tarika (vidhi)

जानेंगे naram Roti banane ka tarika या soft chapati  दोनो ki vidhi का अर्थ सेम है। हाथों की रोटियों का स्वाद वास्तव में अलग-अलग होता है। जैसे कोई व्यक्ति नरम रोटी बनाता है, तो किसी दूसरे के हाथ की रोटियां थोड़ी मोटी बनाता हैं।
Roti recipe
  • Soft Roti kaise banate hain
  • रोटियां बेलने से पहले 1 मिनट और गूथ लें। अगर फुल्की (बहोत पतली रोटी) बनानी है तो सने हुए आटे की 10 पेड़ी या लोई काट लें अन्यथा रोटी बनाने के लिए 8 लोई कर लें और कपड़े से ढक कर रक्खें इससे ऊपरी सतह पर पपड़ी नही पड़ती है।
  • उसी परात में 1 कटोरी आटा छान लें डस्टिंग के लिए जैसा कि ऊपर 8 फोटो के पहली इमेज में है
  • 1 लोई को हाँथों से गोल कर के चपटा कर लें उंगलियों से दबा कर लोई की टिक्की को जितना हो सके उतना बड़ा कर लें ऊपर दूसरी इमेज में दिखाया है
  • चपटा करने के बाद दोनोँ तरफ डस्टिंग कर लें
  • पीढ़े पर बेलन की सहायता से दबाते हुए बेलें रोटी का साइज 5 इंच का होते ही उसपर फिर डस्टिंग करें तीसरी इमेज में दर्शाया है
  • डस्टिंग करने का सही तरीका यह है कि बेली हुई रोटी का किनारा पकड़ कर परात में फैली हुई डस्टिंग पर सरकाएँ
  • इससे Roti पर बहोत कम परथन लगेगा फिर इसे 6 से 7 इंच के आकार में बेल लें। इमेज No. चार और पांच को देखे
  • अगर रोटी में परथन (डस्टिंग) को अलट पलट कर के लगाते हैं तो डस्टिंग ज्यादा लग जाती है
  • पकाने कर वही परथन तवे पर जलता है जिससे रोटी हल्की काली सी दिखती है
  • कहने का मतलब यह है कि डस्टिंग को कम से कम लगा कर ही रोटी को बेलें
  • जितना कम परथन उतनी बढियां सुंदर और मुलायम रोटी बनेगी

Roti pakane ka tarika

यह एक महत्वपूर्ण चरण है इसे समझें Roti pakane ka tarika ही सुनिश्चित करता है कि रोटी फूलेगी या नही। रोटी को दो तरह से पकाने के बाद फुलाया जाता है।

पहला तरीका – Roti को तवे पर ही पका कर कपड़े की गद्दी की मदद से हल्के से दबाते हुए फुलाया जाता है।

यह ज्यादा तर तब ज्यादा किया जाता था जब केरोसिन आयल के स्टोव का उपयोग होता था क्यों कि सीधे उसकी आग पर फुलाने पर केरोसिन आयल की महक रोटी में आजाती थी

दूसरा तरीका – जब से LPG गैस स्टोव का उयोग होने लगा तब सीधे गैस की आग पर रोटी फूलाने लगे इस पर फुलाने पर कोई महक Roti में नही आती है और बड़ी सरलता से सेकेंडो में फूलती है। इमेज No 8 को देखें

सुरुवात में 75% तवे पर पकाते हैं और बाकी गैस की फ्लेम पर फुलाते हैं।

रोटी तवे पर पकाने का तरीका

तो चलिए जाने तवे से लेकर फ्लेम पर Roti pakane से लेकर रोटी fulane ka tarika-

  • रोटी तवा को गैस पर गर्म करें
  • बेली हुई रोटी को तवे पर डालें ध्यान रहे डालते वक्त रोटी और तवे के बीत एअर न फसी रह जाए
  • अगर लगता है तो रोटी को उठा कर दोबारा तवे पर डालें नही तो रोटी फूलेगी नही
  • रोटी को हल्का पकने पर पलट कर पकाएं ऊपर इमेज No 6 में दिखाया गया है
  • पलटे हुए हिस्से को 9 से 10 सेकेंड के बाद रोटी को तब तक सेकें जब तक हल्की गाढ़ी चित्तियाँ न पड़ जाए इमेज No 7 को देखें
  • यह पूरी प्रक्रिया 30 सेकेंड के अंदर पूरी हो जाती है

Roti fulane ka tarika

रोटी फुलाने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि अगर रोटी फुला कर बाद में खानी हो और रोटियां मुलायम बनी रहें तो कैसरोल में नीचे सूती रुमाल बिछा रख लें। रोटियां पकने पर इसमें रखते जाएं। रोटी बनने के बाद ऊपर से रुमाल से ढक कर कैसरोल का ढक्कन बंद कर दें। इससे रोटी भाप से गीली नही होगी और मुलायम बनी रहेगी।

  • तवे को गैस से हटा कर या दूसरे बर्नल पर जिस तरफ रोटी में चित्तियाँ नही है उस तरफ को स्टोव की फ्लेम पर रखें
  • सेकेंडो में चित्तियाँ भी पड़ जाएगी और रोटी भी फूल जाएगी चित्र No 8 को देखें

Roti banane ki vidhi आप से साझा की है step by step आप को जरूर समझ आई होगी धन्यवाद।

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रोटी कैसे फूलती है?

रोटी कैसे फूलती है? इसका जवाब google के People also ask में उत्तर पर नजर पड़ी तो उसमें पढ़ा कि रोटी की फूलने की वजह कार्बनडाई ऑक्साइड है यह बिल्कुल गलत है यह सही उत्तर नही है –

इसका सही उत्तर यह है रोटी के आटे में पानी से गुथे होने के कारण पकाने पर पानी भाप में बदलता है। क्यों कि बाहरी आवरण तवे पर पक कर एअर टाइट हो जाता है और रोटी का पानी भाप (स्टीम) में बदलता है इससे वह बाहर नही निकल पाती स्टीम प्रेसर की वजह से रोटी फूल जाती है। इसकी वजह कार्बनडाई ऑक्साइड नही है।

रोटी बनाने की वजह से कहीं अनजानें में Pitra Dosh के भागी तो नही बन रहे हैं

ऊपर अगर आप टाइटल पढ़ कर जानने के उत्सुक होंगे। जो लोग सनातन धर्म को मानते हैं उनके लिए यह जानकारी बहोत काम की है तो चलिए जानते है –

शास्त्रों और बुजुर्गों की कही Pitra Dosh के विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी

ज्ञानी बड़े बुजुर्गों के अनुसार आटा गूथने के बाद परात में जरा सा भी आटा चिपका नही दिखाना चाहिए इससे दरिद्रता आती है। माँ अन्न अन्नपूर्णा का आप पर आशीर्वाद बना रहे इसके लिए तिनका भर भी अन्न की वेस्टेज न हो।

शास्त्रों के अनुसार आटा गूथने के बाद दोनों हाथों की उंगलियों को आटे में गड़ा कर निसान छोड़ देना चाहिए।

ऐसा इस लिए अगर आटा गूथ कर बिना छाप के रक्खा तो वह पिंड कहलाता है जो कि Pitron को चढ़ाया जाता है।

उसपर छाप छोड़ने पर वह पिंड नही होता उसपर आप अपने या परिवार के लिए हक का इजहार करते हैं। उसे पका कर खाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

कोई Pitra Dosh नही लगता। आज की पीढ़ी को सायद ही पता होगा।

भारतीय रोटी बनाने की विधि के बारे में और जानकारी के लिए इसे पढ़े

धन्यवाद

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