सिंघाड़े आटे की पूरी व्रत के दौरान ही बनाते हैं। सिंघाड़े की पूरी बनाने की विधि सरल है। सिंघाड़े के आटे से बनें व्यंजनों को प्रसाद के तौर पर भी बनाया जाता है। इस पूरी को व्रत वाली सब्जी के साथ खाया जाता है।
तलने के अलावा सिंघाड़े के आटे की रोटी भी बना सकते हैं।
सिंघाड़े आटे की पूरी । सामग्री 4 से 5 लोगों के लिए
- सिंघाड़े का आटा- 500 ग्राम
- आलू उबले हुए- 2 से 3 या अरवी (घुइयाँ)
- देशी घी या मूंगफली का तेल तलने के लिए
सिंघाड़े की पूरी बनाने की विधि
आलू या अरवी को कुकर में पानी डालकर 1 सीटी आने तक पकायें.
अब आलू को छीलकर मसल लें.
सिंघाड़े के आटे में आलू मिलाएं,और थोड़े पानी की सहायता से गूंथ लें।
अगर थोड़ा गूंथने में परेसानी हो तो पानी का छीटा मार कर हल्का मुलायम आटा गूंथ लें आटा पूरी बनाने के लिए तैयार हो जाएगा
अब कढ़ाई को गैस पर चढ़ाएं, उसमें देशी घी या मूंगफली का तेल डालें.
घी गर्म होने पर आटे की पूरी बेलकर तल लें।
पूरी को जीरा आलू या आलू टमाटर की सब्जी के साथ परोसे.
इस प्रकार स्वादिस्ट सिंघाड़े की पूरी बन कर तैयार हो जाएंगी.
पोषण संबंधी जानकारी
सर्विंग साइज – 4 पूरी
कैलोरीज – 400 cal
प्रोटीन – 20 g
कार्बोहाइड्रेट्स – 80 g
फाइबर – 10 g
अनुदेश 1. सिंघाड़े की पूरी का आटा लगाते हुए पानी संभल कर ही इस्तेमाल करें। 2. अगर आटा थोड़ा ढीला या चिपचिपा हो रहा है तो थोड़ा आटे को मिला कर इसे अच्छे से गुंथे।
मूंग दाल पराठा बनाने की विधि पढ़ें
उम्मीद है आपको यह सिंघाड़े आटे की पूरी की विधि अच्छी लगी होगी रेसिपी आप को कैसी लगी कमेंट्स कर बताए।
और रेसिपी जानने के लिए पढ़े
(सिंघाड़े के गुण)
अस्थमा के मरीजों के लिए सिंघाड़ा फायदेमंद होता है. सांस संबधी समस्याओं में आराम मिलता है।
इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है . जो की हमारी हड्डीयों के लिए बहोत फायदेमंद होता है।
दर्द या सूजन होने पर इसका लेप बनाकर लगाने से बहुत फायदा होता है।
प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं. इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है।
रक्त संबंधी, मूत्र संबंधी, दस्त होने पर भी सिंघाड़े का सेवन बहुत फायदेमंद है।
शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है।